नियमावली

संस्था संबद्धता नियमावली

राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर रै संविधान री धारा 10 (5) मुजब अकादमी री सामान्य सभा राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति रै क्षेत्र में क्रियाशील संस्थावां नैं आवेदन करिया अकादमी सूं संबद्ध कर सकै। अकादमी सूं संबद्धता सारू नियमावली नीचै लिक्ष्यै मुजब है:

1. आवेदक संस्था राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति रै क्षेत्र में क्रियाशील होवै अर कम सूं कम लारलै तीन बरसां सूं इण क्षेत्र में काम करती रैयी होवै।

2. जिकी संस्था कै अणरी शाखा या विभाग राजस्थानी भाषा साहित्य अर संस्कृति रै क्षेत्र (राजस्थान संगीत नाटक अकादमी री गतिविधियां रै अलावा) में लग्योड़ी है अर राजस्थान सोसायटीज रजिस्ट्रेशन अेक्ट 1957 रै त्हैत पंजीकृत या ट्रस्ट रै रूप में है वा ईज संस्था रै संबद्धता सारू आवेदन कर सकैला।

 3. संबद्धता सारू आवेदक संस्था रो आपरो अलग सूं कार्यालय होवणौ चाहीजै। आवेदन रै सागै लारलै तीन बरसां री आॅडिट रिपोर्ट लगावणी जरूरी है।

4. जिकी संस्था निर्धारित योग्यतावां पूरी कर रैयी है वै अकादमी सूं संबद्धता सारू निर्धारित आवेदन-पत्र दो हजार रिपिया आवेदन शुल्क रै साथै अकादमी नै भिजवाय सकै।

5. संबद्धता सारू आयोड़ा आवेदन पत्रां माथै विचार कार्यसमिति री बैठक में होवैला। कार्यसमिति उण संस्था रो निरीक्षण करवा‘र आपरी ठिप्पणी नै अनुशंसा सामान्य सभा नै भिजवासी, तद सामान्य सभा अकादमी रै विधान री धारा 10 (5) रै त्हैत संबद्धता सारू निर्णय लेसी।

6. अकादमी सूं संबद्धता प्राप्त संस्थावां अकादमी रै प्रशासन, संचालन, प्रबंधन, गतिविधि क्रियान्वयन अर दूजै नीतिगज विसयां माथै कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकैला।

7. अकादमी संबद्ध घोषित संस्थावां रै मारफत रचनापाठ, जिला, संभाग अर राज्य स्तर रा सम्मेलन, कार्यशाला, व्याख्यान, रचना शिविर अर दूजै विशिष्ट कार्यक्रमां रो आयोजन करवाय सकैला। इण सारू अकादमी कार्यसमिति री अनुशंसा मुजब आर्थिक सैयोग भी आं संस्थावां नैं देय सकै है पण व्यय-अनुमान रो कम सूं कम 15 प्रतिशत हिसौ संबंद्ध संस्था ने आपरै निजू स्तर माथै जुटावणो होवैला।

8. अकादमी संबद्ध संस्था री दूजी गतिविधिया ंजियां कै पत्रिका प्रकाशन, पोथी प्रकाशन अर अध्ययन केन्द्र रै रूप में घोषित संस्थावां ने अकादमी अर अकादमी रै सैयोग सूं प्रकाशित पोथ्यां अर ग्रंथ निःशुल्क भेज्या जाय सकै ताकि आम पाठकां तांई राजस्थानी रो प्रचार-प्रचार होय सकै।

9. अकादमी आपरी योजना मुजब संबद्ध संस्थावां ने हर बरस भाषा, साहित्य अर संस्कृति रै प्रचार-प्रसार सारू कै स्वीकृत परियोजना सारू अनुदान देय सकै।

10. अकादमी री कार्यसमिति जद भी उचित समझै संबद्ध संस्था रो निरीक्षण के जांच करवाय सकै। निर्धारित तिथि तांई आय-व्यय रो सालीणो लेखों अकादमी नै नीं भिजवायां नियमित अनुदान रोक्यो जाय सके। इणरै अलावा बगत-बगत पर संबद्ध संस्थावां नै कार्यसमिति रै निरणै मुजब अकादमी दिशा-निर्देश देय सकैला अर संबद्ध संस्था आंरी पालणा सारू बाध्य होवैला।

11. संबद्ध संस्थावा अकादमी री हरेक प्रवृत्ति अर कार्यक्रम में सहयोग करैला।

12. संबंद्ध संस्थावा जे अकादमी रै नियम, निर्देश, रीति-नीति अर उद्देश्यां मुजब काम नीं करैला, तो अकादमी री सामान्य सभा नै ओ अधिकार है कै वा उणरी संबद्धता समाप्त घोषित कर देवै।

13. अकादमी जरूरी समझ्या संबद्ध संस्थावां रै मार्फत शोध, सर्वेक्षण अर संकलन रा प्रोजेक्ट स्वीकृत कर सकैला। स्वीकृत परियोजना रो काम अकादमी रै निर्देश मुजब करणो जरूरी होवैला अर अकादमी इण प्रोजेक्ट रो मूल्यांकन करवाय सकैला। परियोजना कै प्रोजेक्ट किणी संस्था नै ई दियो जासी, न कै किणी व्यक्ति विशेष नै।

14. अकादमी री सामान्य सभा ने आं नियमां में जरूरत मुजब संशोधन कै परिवर्द्धन करणै रो अधिकार होवैला।